भारतीय नौसेना (Indian Navy) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
जिस प्रकार थल सेना (army) देश की जमीन से सुरक्षा प्रदान करती है और वायु सेना (Air Force) देश की वायु मार्ग से सुरक्षा प्रदान करती है उसी प्रकार जल सेना यानि भारतीय नेवी देश के जल मार्ग से देश को सुरक्षा प्रदान करती है तो आइये जानते हैं भारतीय नौसेना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी – Important information about the Indian Navy
भारतीय नौसेना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
· भारतीय नौसेना की स्थापना सन 1830 में ब्रिटिश शासन काल के समय हुुई थी
· भारतीय नौसेना का पहले नाम रॉयल इंडियन नेवी था
· भारतीय नौसेना का मुख्यालय भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है
· इस समय भारतीय नौसेना में लगभग 55,000 नौसैनिक कार्यरत हैं
· भारतीय नौसेना विश्व की पॉचवीें सबसे बडी नौसेना हैं
· राम दास कटारी पहले भारतीय थे जिन्हें वर्ष 1958 में इंडियन नेवी का चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया था
· भारतीय नौसेना ने अपनी पहली कार्यवाही वर्ष 1961 में पुर्तगाल नेवी के खिलाफ की थी
· भारतीय नौसेना ने देश से बाहर जाकर भी कई ऑपरेशन किये हैं
· दुनियॉ की सबसे तेज क्रूज मिसाइल भारतीय नौसेना के पास है
· भारतीय नौसेना विश्व की पहली नौसेना है जिसने ऐवरेस्ट की चोटी को छुआ है
· इंडियन नेवी का अपना पहला एयरक्रॉफ्ट आईएनएस विक्रांत (Ins vikrant) था
· इसरो (ISRO) ने नेवी के लिए अपना एक उपग्रह GSAT-7 भी बनाया है
इतिहास
ब्रिटिश भारत
भारतीय नौसेना सन् 1613 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में इंडियन मेरीन संगठित की गई। 1685 ई. में इसका नामकरण "बंबई मेरीन" हुआ, जो 1830 ई. तक चला। 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया और रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय नौसेना का विस्तार हुआ और अधिकारी तथा सैनिकों की संख्या 2,000 से बढ़कर 30,000 हो गई एवं बेड़े में आधुनिक जहाजों की संख्या बढ़ने लगी।
स्वतंत्रता पश्चात्
स्वतंत्रताप्राप्ति के समय भारत की नौसेना नाम मात्र की थी। विभाजन की शर्तों के अनुसार लगभग एक तिहाई सेना पाकिस्तान को चली गई। कुछ अतिशय महत्व के नौसैनिक संस्थान भी पाकिस्तान के हो गए। भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई और एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन से 7, 030 टन का क्रूजर " दिल्ली" खरीदा। इसके बाद ध्वंसक " राजपूत", " राणा", " रणजीत", " गोदावरी", " गंगा" और " गोमती" खरीदे गए। इसके बाद आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा गया। इसका नामकरण " मैसूर" हुआ। 1964 ई. तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, " विक्रांत" (नौसेना का ध्वजपोत), क्रूजर "दिल्ली" एवं "मैसूर" दो ध्वंसक स्क्वाड्रन तथा अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन थे, जिनमें कुछ अति आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट सम्मिलित किए जा चुके थे। " ब्रह्मपुत्र", " व्यास", " बेतवा ", " खुखरी," " कृपाण", " तलवार" तथा " त्रिशूल" नए फ्रिगेट हैं, जिनका निर्माण विशेष रीति से हुआ है। " कावेरी", " कृष्ण" और " तीर" पुराने फ्रिगेट हैं जिनका उपयोग प्रशिक्षण देने में होता है। "कोंकण", "कारवार", "काकीनाडा" "कणानूर", "कडलूर", "बसीन" तथा "बिमलीपट्टम" से सुंरग हटानेवाले तीन स्क्वाड्रन तैयार किए गए हैं। छोटे नौसैनिक जहाजों के नवनिर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और तीन सागरमुख प्रतिरक्षा नौकाएँ, "अजय", "अक्षय" तथा "अभय" और एक नौबंध "ध्रुवक" तैयार हो चुके हैं। कोचीन, लोणावला, तथा जामनगर में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण संस्थान हैं। आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है।
भारतीय नौसेना के बेड़े में निम्न पोत शामिल हैं
प्रकार |
पोत के नाम |
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विमान वाहक |
· विराट |
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विध्वंसक/विनाशक |
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फ्रिगेट |
· शिवालिक श्रेणी - शिवालिक , सतपुड़ा, सहयाद्रि · तलवार श्रेणी - तलवार, त्रिशूल, तबर, तेग, तरकश, त्रिकंड · ब्रह्मपुत्र श्रेणी, - ब्रह्मपुत्र, ब्यास, बेतवा · गोदावरी श्रेणी, - गोदावरी, गोमती, गंगा |
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कॉर्वेट |
· कोरा श्रेणी - कोरा, किर्च, कुलिश, कर्मुक · खुकरी श्रेणी - किरपाण, कुठार, खंजर, खुकरी · वीर श्रेणी - वीर, निर्भीक, निपट, निःशंक, निर्घट, विभूति, विपुल, विनाश, विद्युत, नाशक, प्रलय, प्रबल, · अभय श्रेणी - अभय, अजय, अक्षय, अग्रय, |
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पनडुब्बियाँ |
· सिंधुघोष श्रेणी - सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुवीर, सिंधुरत्न, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुरक्षक, सिंधुराष्ट्र · शिशुमार श्रेणी - शिशुमार, शंकुश, शल्कि, शंकुल |
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परमाणु पनडुब्बियाँ |
· अकुल श्रेणी - चक्र · अरिहन्त |
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उभयचर युद्ध पोत |
· ऑस्टिन श्रेणी- जलाश्व · शार्दूल श्रेणी - शार्दूल, केसरी · मगर श्रेणी - मगर, घड़ियाल, ऐरावत · कुम्भीर श्रेणी - चीता, महिष, गुलदार, कुम्भीर · एलसीयू- एलसीयू 33, एलसीयू 35, एलसीयू 36, एलसीयू 37, एलसीयू 38, एलसीयू 39 |
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गश्त यान/छोटे युद्धक जहाज |
· सुकन्या श्रेणी - सुकन्या, सुभद्रा, सुवर्णा, सावित्री, शारदा, सुजाता, सरयू, सुनयना, सुमेधा · बंगरम श्रेणी - बंगरम, बित्र, बट्टी मल्व, बरतंग · त्रिंकट श्रेणी - त्रिंकट, तरस · सुपर द्वोरा-II श्रेणी त्वरित आक्रमण यान (फास्ट अटैक क्राफ्ट) - एफएसी टी-80, टी-81, टी-82, टी-83, टी-84 · कार निकोबार श्रेणी' त्वरित आक्रमण यान (फास्ट अटैक क्राफ्ट) · सर्वेक्षण पोत- मकर श्रेणी, संधयक श्रेणी- निरूपक, इन्वेस्टीगेटर, जमुना, सतलज, संधयक, निर्देशक, दर्शक, सर्वेक्षक |
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माईनस्वीपर |
· पॉण्डिचेरी श्रेणी - अलेप्पी · कारवाड़ श्रेणी - कारवाड़, कण्णनौर, कुड्डलौर, काकीनाड़ा, कोझिक्कोड़, कोंकण |
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सहायक पोत |
· टैंकर- दीपक, ज्योति, आदित्य · तारपीडो रिकवरी पोत- अस्त्रवाहिनी (टीआरवी 71), टीआरवी 72 · अन्य- मातंग, गज, निरीक्षक |
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ट्रेनिंग/शोध |
तीर, तरंगिनी, सुदर्शिनी, म्हादे, सागरध्वनि |
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